मंदिर तेरा बनने ना देंगे
मस्जिद तेरी रेह्ने ना देंगे
बरदाश्त की हद हो चुकी पार
तेरे नाम पे ओर खून बेह्ने ना देंगे
लाखों कट गय धर्म के नाम पे
पर तू चुपचाप देखता रहा,
इनसान तो है धर्म का घुलाम,
पर तू कैसे सेह्ता रहा
राम ने ना बोला पंडित को
ओर jesus ने ना रोका पाधरी को,
जब अल्लाह भी है इक रुप ही तेरा
फिर क्यू गिरने दिया तूने बाबरी को
इस्लाम को कर बद्नाम वोह जिहाद के नाम पे लड़ता गया
गुजरात में जब गिरा पहला कतरा तो राम पे खून का रंग chadta गया,
इसमे भी है भला किसी का, इसमे भी है मर्जी तेरी
यह सोच कर वोह जिया जिसके लिए
उसी धर्म कि सूली वोह chadta गया
मस्जिद तेरी रेह्ने ना देंगे
बरदाश्त की हद हो चुकी पार
तेरे नाम पे ओर खून बेह्ने ना देंगे
लाखों कट गय धर्म के नाम पे
पर तू चुपचाप देखता रहा,
इनसान तो है धर्म का घुलाम,
पर तू कैसे सेह्ता रहा
राम ने ना बोला पंडित को
ओर jesus ने ना रोका पाधरी को,
जब अल्लाह भी है इक रुप ही तेरा
फिर क्यू गिरने दिया तूने बाबरी को
इस्लाम को कर बद्नाम वोह जिहाद के नाम पे लड़ता गया
गुजरात में जब गिरा पहला कतरा तो राम पे खून का रंग chadta गया,
इसमे भी है भला किसी का, इसमे भी है मर्जी तेरी
यह सोच कर वोह जिया जिसके लिए
उसी धर्म कि सूली वोह chadta गया